Tuesday 10 November 2015

दीदी मेरी जल्दी आओ/दीपावली पर एक रचना

दीदी मेरी जल्दी आओ |
आओ मिलकर दीप जलाओ |
तम से मुझको डर लगता है,
इसको जल्दी दूर भगाओ |
दीदी मेरी जल्दी आओ |
कहा गई बच्चों की टोली,
दीदी मेरी जोर से बोली,
हम सब बन गए हमजोली,
दीदी मेरी कितनी भोली,
दीपावली आई है.
ढेरों खुशियों लाई है.
रंग - बिरंगी फुलझडियो की.
लड़ियाँ हमने सजाई है |


आप को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें......

 
 

4 comments:

  1. बहुत सुंदर

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    आपको दीप पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!

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