मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Thursday, 21 March 2019
दोहा
भाग दौड़ ऐसी मची,
मानव बना मशीन।
टूटा बंधन स्नेह का,
रिश्ता हुआ मलीन।।
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