Saturday 4 July 2020

बिटिया पर दोहे


1-
बिटिया से दुल्हन बनी, पीहर से ससुराल।
जहाँ सभी अनजान हैं, कौन रखेगा ख्याल।।

2-
मैं आँगन की दीप थी,और खुशी का द्वार।
चली पिया के गाँव मैं, ले पीहर का प्यार।।

3-
धागा हो यदि नेह का, देता रिश्ते जोड़।
अगर बुने ये जाल तो, देता बन्धन तोड़।।

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