मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Wednesday, 28 October 2020
मुक्तक
221 2122 1221 212
वो ख्वाब तो दिखाए दिखाकर चले गए।
दिल में मुझे बसाए बसाकर चले गए।
मैं देखती रही रास्ते बैठकर यहां,
समझा जिसे जिंदगी भुलाकर चले गए।
1 comment:
कविता रावत
28 October 2020 at 16:39
बहुत अच्छी प्रस्तुति
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ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति