Wednesday, 28 October 2020

मुक्तक

221   2122   1221  212
वो ख्वाब तो दिखाए दिखाकर चले गए।
दिल में मुझे बसाए बसाकर चले गए।
मैं देखती रही रास्ते बैठकर यहां,
समझा जिसे जिंदगी भुलाकर चले गए।

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