मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Wednesday 19 February 2020
कुण्डलिया
ममता ये अनमोल है,कहीं न इसका मोल।
पल पल ये आशीष को,रखती बाँहें खोल।।
रखती बाँहें खोल,कहूँ क्या माँ की महिमा।
किया सदा ही प्यार,ईश की जीवित प्रतिमा।
बच्चों का हर बोझ उठाती,ऐसी क्षमता।
सुखी लगे संसार,मिले जब माँ की ममता।
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