मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Sunday, 12 January 2020
पत्थर पर दोहा
मैं पत्थर हूँ चुप रहूँ , सहता रहा प्रहार।
मंदिर औ मस्जिद बनें , दुष्टों के हथियार।।
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