Sunday, 15 March 2020

कुण्डलिया



होली का त्योहार है,नटखट गोपी ग्वाल।
रंग बिरंगे रंग ले,रंग रहे हैं गाल।।
रंग रहे हैं गाल ,अधर पर खुशियाँ छाई।
हाथों में ले रंग,किशोरी दौड़ी आई।
लेकर रंग गुलाल,चली बच्चों की टोली।
करें नहीं हुड़दंग,प्रेम से खेले होली।

बालक की टोली चली,प्रीत रंग ले हाथ।
डाले रंग गुलाल ये,शोर मचाते साथ।।
शोर मचाते साथ, खूब मस्ती में झूमे।
लेकर लाल गुलाल,एक दूजे सँग घूमे।
खुशियाँ हो चहुँ ओर,करूँ विनती जग पालक।
रखना दुख से दूर,रहे हँसते ये बालक।

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