Sunday, 29 March 2020

दोहे


1-कन्हैया
लिए कन्हैया जब जनम  , किये जगत उद्धार।
बचपन से दिखने लगे , उनके ये उपकार।।

2-दुर्भाग्य
रोते हैं दुर्भाग्य पर , बैठे बैठे लोग।
मिलता है सब कर्म से , कर पहले उद्योग।।

3-तुम्हारा
तेरा मेरा मत करो , जीवन है दिन चार।
यहाँ तुम्हारा कुछ नहीं , जाना है उस पार।।


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