1-कन्हैया
लिए कन्हैया जब जनम , किये जगत उद्धार।
बचपन से दिखने लगे , उनके ये उपकार।।
2-दुर्भाग्य
रोते हैं दुर्भाग्य पर , बैठे बैठे लोग।
मिलता है सब कर्म से , कर पहले उद्योग।।
3-तुम्हारा
तेरा मेरा मत करो , जीवन है दिन चार।
यहाँ तुम्हारा कुछ नहीं , जाना है उस पार।।
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