मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Wednesday, 29 April 2020
ऋण पर दोहा
दबो नहीं तुम ऋण तले , इसका घातक भार।
छिन जाता सुख चैन सब , फिर जीवन बेकार।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment