Saturday, 30 May 2015

चंदा मामा (बाल कविता)

चंदा मामा आओ ना |
मेरा मन बहलाओ ना |

मम्मी मेरी थकी पड़ी है,
मुझसे पहले सोई पड़ी है,
रहे नहीं अब राजा रानी,
अब न दिखे परियों की रानी,
अब ना मिलते नाना-नानी,
कौन सुनाए हमें कहानी,
लोरी एक सुनाओ ना....
मेरा मन बहलाओ न....

दादा-दादी दूर पड़े हैं,
घुटनों से मजबूर पड़े हैं,
कोई मन बहलाए ना,
रूठे तो मनाए ना,
चाँद का गीत सुनाए ना,
चंदा हमें दिखाए ना,
तुम खुद ही आ जाओ ना....
मेरा मन बहलाओ ना......

1 comment:

  1. पुनः स्वागत!!

    शुभकामनायें

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