Wednesday 29 July 2020

आलू पर दोहे



आलू के है गुण बड़े, यह सब्जी का भूप।
होता गोल मटोल-सा, इसका रूप अनूप।।


छिप कर रहे जमीन में, बढ़े मिले जब खाद।
व्यंजन बनते हैं कई, इसका अच्छा स्वाद।।


जनमें धरती गर्भ से, रक्षा करे किसान।
बेचे अच्छे भाव में, और बने धनवान।।


नहीं जलन की भावना,करता सबसे प्रीत।
सबके दुख में साथ दे, बनकर उसका मीत।।


मानव तुम भी सीख लो, ऐसा जीवन भोग।
खून खराबा द्वेष सब, है जीवन के रोग।।


Saturday 4 July 2020

बिटिया पर दोहे


1-
बिटिया से दुल्हन बनी, पीहर से ससुराल।
जहाँ सभी अनजान हैं, कौन रखेगा ख्याल।।

2-
मैं आँगन की दीप थी,और खुशी का द्वार।
चली पिया के गाँव मैं, ले पीहर का प्यार।।

3-
धागा हो यदि नेह का, देता रिश्ते जोड़।
अगर बुने ये जाल तो, देता बन्धन तोड़।।

Friday 3 July 2020

गिलहरी


1-
तीन धारियाँ पीठ पर, तेरी चपल निगाह।
मुश्किल होता समझना, तेरे मन की थाह।।

2-
लम्बी तेरी पूंछ है, गिल्लू तेरा नाम।
जीवन बस दो साल का, दिन भर करती काम।।

3-
मन को भाती ये सदा, खूब दिखाती खेल।
भोजन करती संतुलित,सबसे रखती मेल।।

4-
रखती तन में विष नहीं,नहीं कपट व्यवहार।
मतलब है निज काम से,और प्रकृति से प्यार।।

5-
देख दूर ये भागती, कभी करें ये शोर।
चुलबुल बच्चों सी लगे,और लगे चित चोर।।