Monday, 22 June 2020

दोहा मुक्तक

नमन मंच
दोहा मुक्तक प्रतियोगिता
22/06/2020
सोमवार
विधा-दोहा मुक्तक
(1)
हार गई मैं सत्य कह,कौन रखे अब मान।
दीवानें अब झूठ के,झूठी है मुस्कान।
सत्य भले लगता कठिन,देता ये विश्वास,
देख रही पर झूठ अब,बन बैठा बलवान।
कंचन लता चतुर्वेदी
वाराणसी

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