Monday 9 December 2019

कुण्डलिया

कुण्डलिया
नारी बन नारायणी,मानव बन तू राम।
मात-पिता आशीष हो,घर में चारो धाम।।
घर में चारो धाम, खुशी की हो फुलवारी।
रहे सदा आबाद, फले जीवन की क्यारी।।
मात-पिता हो संग,लगे ये दुनिया प्यारी।
मत कर तू अपमान,सृष्टि सर्जक है नारी।।

No comments:

Post a Comment