मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Friday, 27 December 2019
काल पर दोहा
वक्त वक्त का फेर है,कभी धूप तो छाँव।
परख लिया यदि काल को,कांटा लगे न पाँव।।
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