मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Wednesday, 25 December 2019
पंछी बैठा शाख पर
पंछी बैठा शाख पे,तन्हा और उदास।
टूटे उसके पंख है,पर जीने की आस।।
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