मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Tuesday, 10 December 2019
बेटियों पर कुण्डलिया
नहीं सुरक्षित बेटियां, अब भी हैं लाचार।
विनती सुन माँ शाम्भवी,करो दुष्ट संहार।।
करो दुष्ट संहार,तुम्हीं हे मात भवानी।
आयी तेरी शरण,पीर हरो महारानी।
कहे लता कर जोरि, नहीं पावन धरा रही।
मेरी सुनो पुकार,न्याय हो अन्याय नहीं।
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