मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Monday, 23 December 2019
बादल बन आकाश में
बादल बन आकाश में,बुझा धरा की प्यास।
कर निर्मित तुम स्वयं को,रख मन में विश्वास।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment