मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Thursday, 26 December 2019
मंजिल पर मुक्तक
स्नेह मिला जिस राह पर,उस पथ को पहचान।
लम्बी मंजिल तय करो,बनना मत अनजान।
जीवन के इस राह पर,मत करना आराम,
नहीं मिले संघर्ष बिन मंजिल ऐ नादान।
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