मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Wednesday, 25 December 2019
अन्न दायिनी
अन्न दायिनी भूमि तू , तू जननी तू प्राण।
शरण दायिनी देवि तू , करती सबका त्राण।।
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