Saturday 25 January 2020

मुक्तक


मुक्तक
2122  2122  2122
सुन भ्रमर रे अब सताना छोड़ दे तू।
गीत गाकर अब लुभाना छोड़ दे तू।
गैर पर अब हक जताना ठीक है क्या,
राज दिल का अब सुनाना छोड़ दे तू।

No comments:

Post a Comment