लग जाये यदि लत बुरी , समझ शुरू अवसाद।
एक सुखी इंसान को , कर देता बर्बाद।।
नैन सखा है हृदय की , समझे उसकी पीर।
हृदय कराहे दर्द से , गिरे नैन से नीर।।
गर्दिश के इस दौर में , सकल जगत भयभीत।
मगर न छोड़ो धैर्य को , होगी अपनी जीत।।
माँ को राशन चाहिए , पापा मुझे किताब।
गर चिंता परिवार की , छूना नहीं शराब।।
राशन की चिंता करो , भरता इससे पेट।
छूना नहीं शराब को , पैसा रखो समेट।।
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