जय माँ शारदे🙏🙏
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श्वेत वस्त्र धारण किये , वीणा पुस्तक हाथ।
ज्ञान कोष की स्वामिनी , टेकू द्वारे माथ।।
रहती है बैकुण्ठ में , दिखे कीर्ति चहुँ ओर।
दूर करे अज्ञानता , करें ज्ञान का भोर।।
नमन करूँ माँ शारदे , ऐसा कर उपकार।
ज्ञान ज्योति उर में जले , बढे लेखनी धार।।
वीणा पुस्तक धारणी , हृदय विराजो आप।
मिट जाये अज्ञानता , नहीं रहे संताप।।
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