मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Saturday, 22 August 2020
कुछ यूं ही
जब हम पहली बार मिले थे।
इन अधरों पर फूल खिले थे।
एक झलक ने ऐसा छेड़ा
मेरे दिल के तार हिले थे।
दिल की घण्टी खूब बजी थी।
नैनो में बस प्रीत सजी थी।
साजन तेरी खातिर मैं तो,
निज बाबुल का गेह तजी थी।
1 comment:
कविता रावत
22 August 2020 at 16:17
मधुर यादें मधुर क्षणों में ताजगी भर देते हैं
बहुत खूब!
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मधुर यादें मधुर क्षणों में ताजगी भर देते हैं
ReplyDeleteबहुत खूब!