मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Monday, 9 December 2019
कुण्डलिया
कुण्डलिया
आँखे मन का आइना, सबसे सुंदर अंग।
आँखे सब कुछ बोलती,भरती यही उमंग।।
भरती यही उमंग हमे दुनिया दिखलाती।
जब भी करती बात मौन वाणी हो जाती।।
नयनन प्रेम समाय हिया में हरदम राखे।
जब हो मन में पीर नीर भर ले तब आंखे।।
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