मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Monday, 9 December 2019
अभिमान पर दोहा
रुके राह अज्ञान की,बने सभी विद्वान।
प्रेम ज्योति ऐसी जले,मिट जाये अभिमान।।
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