मेरी भावनाएं.../कंचनलता चतुर्वेदी
Monday, 9 December 2019
गंगा पर दोहे
गंगा
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1-गंगा, यमुना,सरस्वती,तेरा पावन धाम।
करू अर्चना आपकी,मैं तो सुबहो शाम।।
2-गंगा जीवनदायिनी,सकल जगत की मात।
दृश्य मनोरम जब मिले ;सूरज,नदी प्रभात।।
3-गंगा जल अमृत(अमरित)बने,जन जन की ये आस।
मिलकर रोके गंदगी,मन में ले विश्वास।।
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