Monday, 9 December 2019

कुण्डलिया

कुण्डलिया
ऐसे भी कुछ जगत में,जो मतलब से साथ।
डूबी नैया देख के,छुड़ा लिया है हाथ।।
छुड़ा लिया है हाथ,साथ वो नहीं निभाते।
दुख में जो दे साथ,वही साथी कहलाते।
कोई सच्चा मीत, बताओ परखू कैसे।
हरपल दे जो साथ,मीत ढूंढू में ऐसे।

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